“जहां पहले लालटेन थी, वहां अब बल्ब जलता है। ये बदलाव सिर्फ एक योजना से आया – हर घर बिजली योजना!”
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई सौभाग्य योजना (Saubhagya Scheme) का मकसद है कि देश के हर गांव, हर घर तक बिजली पहुंचे, चाहे वो शहर हो या दूर-दराज का इलाका।
🏡 क्या है हर घर बिजली योजना?
हर घर बिजली योजना, जिसे औपचारिक रूप से “सौभाग्य योजना” कहा जाता है, 2017 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य था –
👉 भारत के हर घर को मुफ्त या न्यूनतम शुल्क पर बिजली कनेक्शन देना।
2025 तक सरकार का लक्ष्य है कि 100% बिजलीकरण हो जाए, और कोई भी परिवार बिना बिजली के न रहे।
🔦 योजना की मुख्य बातें
विषय | जानकारी |
---|---|
योजना का नाम | सौभाग्य योजना / हर घर बिजली योजना |
लॉन्च वर्ष | 25 सितंबर 2017 |
उद्देश्य | हर घर को बिजली कनेक्शन |
लाभ | मुफ्त बिजली कनेक्शन, LED बल्ब, वायरिंग |
लाभार्थी | ग्रामीण और शहरी BPL परिवार, SC/ST वंचित वर्ग |
वेबसाइट | saubhagya.gov.in |
📝 कौन ले सकता है लाभ?
✅ जिन घरों में अब तक बिजली का कनेक्शन नहीं है
✅ BPL परिवार (SECC 2011 सूची में नाम होना चाहिए)
✅ ग्रामीण, आदिवासी और शहरी गरीब परिवार
✅ परिवारों को आधार कार्ड और पहचान पत्र देना अनिवार्य है
✅ कुछ राज्यों में सामान्य परिवार भी मामूली शुल्क पर जुड़ सकते हैं
⚡ लाभ क्या मिलेगा?
- मुफ्त बिजली कनेक्शन (बीपीएल कार्ड वालों को)
- मुफ्त में एक बल्ब, एक स्विच बोर्ड और मीटर
- यदि जरूरत हो, तो घर तक तार खींचकर बिजली पहुँचाई जाएगी
- गांव में नया ट्रांसफार्मर या पोल लगवाकर भी कनेक्शन दिया जा सकता है
- बिजली आने से बच्चों की पढ़ाई, रात का खाना, सुरक्षा – सब आसान
📲 आवेदन कैसे करें?
Offline (ज्यादातर गांवों में यही तरीका लागू होता है)
- ग्राम पंचायत / बिजली विभाग के कार्यालय में संपर्क करें
- फॉर्म भरें – साथ में Aadhar, Ration Card, BPL प्रमाणपत्र
- बिजली विभाग का कर्मचारी आपके घर की जांच करेगा
- 10 से 15 दिन में कनेक्शन दिया जाएगा
Online (कुछ राज्यों में)
- राज्य की बिजली वितरण कंपनी (DISCOM) की वेबसाइट पर जाएं
- “New Electricity Connection under Saubhagya” सेक्शन में आवेदन करें
- आधार, पहचान पत्र, घर का प्रमाण लगाएं
📊 अब तक के आंकड़े (2025 तक का अनुमान)
- 2.82 करोड़ से अधिक घरों को बिजली कनेक्शन मिल चुका है
- 99% गांव अब बिजली से जुड़े हैं
- अब फोकस है छोटे छूटे इलाकों और संकरे शहरी स्लम एरिया पर
🙋 इस योजना से लोगों की ज़िंदगी कैसे बदली?
“पहले बच्चे तेल की ढिबरी में पढ़ते थे, अब LED बल्ब की रोशनी में। पहले रोटियां अधूरी रह जाती थीं अंधेरे में, अब TV भी देख लेते हैं!”
- रात में महिलाएं सुरक्षित महसूस करती हैं
- छोटे बच्चे अच्छी तरह पढ़ाई कर सकते हैं
- गांव में मिनी इंडस्ट्री और दुकानें खुलने लगी हैं
- मोबाइल चार्ज, पंखा, बल्ब – सब अब मुमकिन