Sant Gajanan Maharaj Shegaon Quotes: जीवन बदलने वाली अमूल्य सीख

By sagarthakur863

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Sant Gajanan Maharaj Shegaon inspirational quotes with spiritual background

श्री क्षेत्र शेगांव (Shegaon), महाराष्ट्र की धरती संत गजानन महाराज (Sant Gajanan Maharaj) के कारण आज पूरे देश में विख्यात है। गजानन महाराज ने साधारण जीवन जीते हुए भी लोगों को अध्यात्म, भक्ति, सेवा और प्रेम का मार्ग दिखाया। उनके उपदेश और वचन आज भी लाखों श्रद्धालुओं के जीवन को दिशा देते हैं।

Sant Gajanan Maharaj Quotes न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे हर व्यक्ति को जीवन की कठिनाइयों से उबरने और सही मार्ग चुनने की प्रेरणा भी देते हैं। आइए जानते हैं गजानन महाराज के कुछ अमूल्य विचार और उनके पीछे छिपी गहरी जीवन-दृष्टि।


Who was Sant Gajanan Maharaj?

गजानन महाराज का प्रकट दिवस 23 फरवरी 1878 को शेगांव में माना जाता है। उन्होंने समाज को निस्वार्थ सेवा, संयम, त्याग और ईश्वर भक्ति का संदेश दिया।
उनकी शिक्षाएँ –

  • भक्ति से ही मोक्ष संभव है
  • सच्चा धन संतोष में है
  • सेवा ही सबसे बड़ी साधना है

Sant Gajanan Maharaj Quotes in Hindi & English

1.

“भक्ति से बढ़कर कोई साधन नहीं है।”
“There is no greater path than devotion.”

👉 यह वचन हमें बताता है कि जीवन के हर संघर्ष में ईश्वर भक्ति हमें शक्ति और सहारा देती है।


2.

“दान वही है जो बिना दिखावे के किया जाए।”
“True charity is the one done without show-off.”

👉 गजानन महाराज का यह संदेश हमें निस्वार्थ सेवा और दान की ओर प्रेरित करता है।


3.

“संतोष सबसे बड़ा धन है।”
“Contentment is the greatest wealth.”

👉 आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में यह उद्धरण हमें याद दिलाता है कि शांति और संतोष ही असली सुख है।


4.

“जो दूसरों के लिए जीता है, वही सच्चा इंसान है।”
“The one who lives for others is the true human.”

👉 यह संदेश समाज सेवा और मानवता की ओर ले जाता है।


5.

“मन को शांत रखो, ईश्वर स्वयं रास्ता दिखाएंगे।”
“Keep your mind calm, and God Himself will show the way.”

👉 गजानन महाराज के ये शब्द हमें धैर्य और श्रद्धा बनाए रखने की शिक्षा देते हैं।


Why Gajanan Maharaj Quotes are Relevant Today?

आज की व्यस्त दुनिया में लोग मानसिक तनाव, असंतोष और प्रतिस्पर्धा से घिरे रहते हैं। ऐसे में संत गजानन महाराज के विचार –

  • धैर्य रखना
  • भक्ति और सेवा में लीन रहना
  • संतोष को अपनाना
    जीवन को सरल और आनंदमय बनाते हैं।

उनके वचन केवल धार्मिक अनुयायियों के लिए नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए उपयोगी हैं जो जीवन में शांति और सच्ची खुशी पाना चाहता है।


Gajanan Maharaj Shegaon Mandir – Spiritual Hub

श्री क्षेत्र शेगांव का गजानन महाराज मंदिर आज लाखों श्रद्धालुओं का आस्था केंद्र है।

  • यहाँ प्रतिदिन हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं।
  • महाराज के वचन और भजन हर कोने में गूँजते हैं।
  • मंदिर परिसर में अनुशासन, सेवा और भक्ति का वातावरण हर आगंतुक को आध्यात्मिक शांति देता है।

Inspirational Lessons from Maharaj’s Teachings

  1. भक्ति और श्रद्धा – जीवन में हर कार्य में ईश्वर को साथ मानो।
  2. सेवा और दान – बिना किसी स्वार्थ के समाज की सेवा करो।
  3. संतोष और धैर्य – विपरीत परिस्थितियों में भी मन शांत रखो।
  4. सरल जीवन, उच्च विचार – भोग-विलास से दूर रहकर सादगी अपनाओ।

Conclusion

Sant Gajanan Maharaj Shegaon Quotes हमें यह सिखाते हैं कि सच्ची सफलता भक्ति, सेवा, और संतोष में है। उनका जीवन और वचन आज भी प्रेरणा के दीपक की तरह जलते हैं। अगर हम उनके संदेशों को जीवन में अपनाएँ, तो निश्चित ही हमारा जीवन सुख, शांति और समृद्धि से भर जाएगा।

श्री समर्थ सद्गुरू गजानन महाराज की जय ।।

अनंतकोटी ब्रह्मांडनायक महाराजाधिराज योगीराज परब्रह्म सच्चिदानंद भक्तप्रतिपालक शेगांव निवासी समर्थ सद्गुरू श्री गजानन महाराज की जय ऽ ऽ…

पिता माता बंधु तुजविण असे कोण मजला । बहू मी अन्यायी परि सकळहि लाज तुजला ।।

न जाणे मी कांही जप तप पुजा साधन रिती । कृपादृष्टी पाहे शरण तुज आलो गणपती ।।

सदासर्वदा योग तुझा घडावा । तुझे कारणी देह माझा पडावा ।।

उपेक्षूं नको गुणवंता अनंता । रघुनायका मागणे हेची आता ।।१।।

उपासनेला दृढ चालवावे । भूदेव-संतासि सदा नमावे ।

सत्कर्मयोगे वय घालवावे । सर्वामुखी मंगल बोलवावे ।।२।।

ज्या ज्या स्थळी हे मन जाय माझे । त्या त्या स्थळी हे निजरूप तुझे ।।

मी ठेवितों मस्तक ज्या ठिकाणी । तेथे तुझें सद्गुरू पाय दोन्ही ।

यानि कानि च पापानि जन्मान्तरकृतानि च ।

तानि तानि विनश्यन्ति प्रदक्षिणं पदे पदे ।।

अन्यथा शरणं नास्ति त्वमेव शरणं मम । तस्मात्कारूण्यभावेन रक्षरक्ष परमेश्वर ।

मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वर । यत्पुजितं मया देव परिपूर्ण तदस्तु मे ।

आवाहनं न जानामि-न-जानामि तवार्चनम् । पूजा चैव न-जानामि क्षमस्व परमेश्वर ।।

श्री समर्थ सद्गुरू गजानन महाराज की जय ।।

जय जय सत्चित्स्वरूपा स्वामी गणराया । अवतरलासी भूवर जड-मुढ ताराया ।

।। जयदेव जयदेव ।।धृ।।

निर्गुण ब्रह्म सनातन अव्यय अविनाशी ।

स्थिरचर व्यापुन उरलें जे या जगताशी ।

तें तूं तत्व खरोखर निःसंशय अससी ।

लीलामात्रे धरिलें मानवदेहासी ।

।। जयदेव जयदेव ।।१।।

होऊं न देशी त्याची जाणिव तूं कवणा ।

करूनी गणि गण गणांत बोते या भजना ।

धाता हरिहर गुरूवर तूंचि सुखसदना ।

जिकडे पहावे तिकडे तूं दिससी नयना ।

।। जयदेव जयदेव ।।२।।

लीला अनंत केल्या बंकट सदनास ।

पेटविले त्या अग्नीवांचूनी चिलमेस ।

क्षणांत आणिलें जीवन निर्जल वापीस ।

केला ब्रह्मगिरीच्या गर्वाचा नाश ।

।। जयदेव जयदेव ।।३।।

व्याधी वारून केलें कैका संपन्न ।

करविले भक्तालागी विठ्ठल-दर्शन ।

भवqसधु हा तरण्या नौका तव चरण ।

स्वामी दासगणूंचे मान्य करा कवन ।

।।जयदेव जयदेव ।।४।।

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